तेरे मेरे सपने सभी,
तेरे मेरे सपने सभी,
बंद आँखों के ताले में हैं|
चाबी कहाँ ढूंढें बता,
वह चाँद के प्याले में हैं |
फिर भी सपने कर दिखाऊं ,
सच तो कहना बस यही|
मैं तेरे काबिल हूँ या, तेरे काबिल नहीं ।
मैं तेरे काबिल हूँ या,तेरे काबिल नहीं |
तेरे मेरे सपने सभी,
तेरे मेरे सपने सभी,
बंद आँखों के ताले में हैं|
चाबी कहाँ ढूंढें बता,
वह चाँद के प्याले में हैं |
फिर भी सपने कर दिखाऊं ,
सच तो कहना बस यही|
मैं तेरे काबिल हूँ या, तेरे काबिल नहीं ।
मैं तेरे काबिल हूँ या, तेरे काबिल नहीं |
यह शरारतें यह मस्तियाँ, अपना यही अंदाज़ है |
समझाए क्या कैसे कहें ,जीने का इसमें राज़ है |
धड़कन कहाँ ये धड़कती है, दिल में तेरी आवाज़ है
अपनी सब खुशियों का अब तो,ये आगाज़ है |
तेरे मेरे सपने सभी, तेरे मेरे सपने सभी,
बंद आँखों के ताले में हैं,चाबी कहाँ ढूंढें बता,
वह चाँद के प्याले में हैं ,फिर भी सपने कर दिखाऊं ,
सच तो कहना बस यही|
मैं तेरे काबिल हूँ या, तेरे काबिल नहीं ।
मैं तेरे काबिल हूँ या, तेरे काबिल नहीं |
सागर की रेत पे दिल को जब ,यह बनाएंगी मेरी उँगलियाँ |
तेरे नाम को ही पुकार के , खनकेंगी मेरी चूड़ियाँ |
तुझमे अदा ऐसी है आज,उड़ाती हो जैसे तितलियाँ|
फीकी अब ना होगी कभी, यह रंगीनियां|
तेरे मेरे सपने सभी, तेरे मेरे सपने सभी,
बंद आँखों के ताले में हैं,चाबी कहाँ ढूंढें बता,
वह चाँद के प्याले में हैं ,फिर भी सपने कर दिखाऊं ,
सच तो कहना बस यही|
मैं तेरे काबिल हूँ या, तेरे काबिल नहीं ।
मैं तेरे काबिल हूँ या, तेरे काबिल नहीं |
ला ला ला ..
तेरे मेरे सपने सभी,
बंद आँखों के ताले में हैं|
चाबी कहाँ ढूंढें बता,
वह चाँद के प्याले में हैं |
फिर भी सपने कर दिखाऊं ,
सच तो कहना बस यही|
मैं तेरे काबिल हूँ या, तेरे काबिल नहीं ।
मैं तेरे काबिल हूँ या,तेरे काबिल नहीं |
तेरे मेरे सपने सभी,
तेरे मेरे सपने सभी,
बंद आँखों के ताले में हैं|
चाबी कहाँ ढूंढें बता,
वह चाँद के प्याले में हैं |
फिर भी सपने कर दिखाऊं ,
सच तो कहना बस यही|
मैं तेरे काबिल हूँ या, तेरे काबिल नहीं ।
मैं तेरे काबिल हूँ या, तेरे काबिल नहीं |
यह शरारतें यह मस्तियाँ, अपना यही अंदाज़ है |
समझाए क्या कैसे कहें ,जीने का इसमें राज़ है |
धड़कन कहाँ ये धड़कती है, दिल में तेरी आवाज़ है
अपनी सब खुशियों का अब तो,ये आगाज़ है |
तेरे मेरे सपने सभी, तेरे मेरे सपने सभी,
बंद आँखों के ताले में हैं,चाबी कहाँ ढूंढें बता,
वह चाँद के प्याले में हैं ,फिर भी सपने कर दिखाऊं ,
सच तो कहना बस यही|
मैं तेरे काबिल हूँ या, तेरे काबिल नहीं ।
मैं तेरे काबिल हूँ या, तेरे काबिल नहीं |
सागर की रेत पे दिल को जब ,यह बनाएंगी मेरी उँगलियाँ |
तेरे नाम को ही पुकार के , खनकेंगी मेरी चूड़ियाँ |
तुझमे अदा ऐसी है आज,उड़ाती हो जैसे तितलियाँ|
फीकी अब ना होगी कभी, यह रंगीनियां|
तेरे मेरे सपने सभी, तेरे मेरे सपने सभी,
बंद आँखों के ताले में हैं,चाबी कहाँ ढूंढें बता,
वह चाँद के प्याले में हैं ,फिर भी सपने कर दिखाऊं ,
सच तो कहना बस यही|
मैं तेरे काबिल हूँ या, तेरे काबिल नहीं ।
मैं तेरे काबिल हूँ या, तेरे काबिल नहीं |
ला ला ला ..
Song Credits:
Song: Kaabil Hoon Title Song
Singers: Jubin Nautiyal, Palak Muchhal
Music: Rajesh Roshan
Lyrics: Nasir Faraaz
Song: Kaabil Hoon Title Song
Singers: Jubin Nautiyal, Palak Muchhal
Music: Rajesh Roshan
Lyrics: Nasir Faraaz
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